मेरे दोस्त तुम भी लिखा करो शायरी
तुम्हारा भी मेरी तरह नाम हो जाएगा
जब तुम पर भी पड़ेंगे अंडे और टमाटर
तो शाम की सब्जी का इंतज़ाम हो जाएगा…
Tuesday, June 23, 2015
तुम बताओ तो मुझे किस बात की सजा देते हो।
मंदिर में आरती और महफ़िल में शमां कहते हो।
मेरी किस्मत में भी क्या है लोगो जरा देख लो,
तुम या तो मुझे बुझा देते हो या फिर जला देते हो।
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