मेरे दोस्त तुम भी लिखा करो शायरी
तुम्हारा भी मेरी तरह नाम हो जाएगा
जब तुम पर भी पड़ेंगे अंडे और टमाटर
तो शाम की सब्जी का इंतज़ाम हो जाएगा…
Tuesday, June 23, 2015
जभी मिलती है inbox पे कुछ कहने से डरती है वो.. कब आउंगा में online इस इंतज़ार में रहती है वो.. बड़ी ही सरीफ है बात बात पे शर्माती है वो... गुस्सा न हो जाऊं कहीं हर बात पे sorry बोलती है वो... मेरे लिऐ आज भी थोड़ा सा वक्त खर्च करती है वो ... google पर आकर आज भी मुझे सर्च करती है वो..
...
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