मेरे दोस्त तुम भी लिखा करो शायरी
तुम्हारा भी मेरी तरह नाम हो जाएगा
जब तुम पर भी पड़ेंगे अंडे और टमाटर
तो शाम की सब्जी का इंतज़ाम हो जाएगा…
Tuesday, June 2, 2015
तकदीर हमने ऐसी अपनी खुद बनाई की.. बेवफाओं को भी वफा सिखाई.. गुमान या शिकवा नहीं... किसी बात का ऐ गालिब... हमने उनसे प्यार किया तो... उन्होने भी हमसे दुनियाँदारी निभाई.....
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