मत बुझाना चिराग मेरे इश्क का।।
दिया जलते रहे अँधेरा घटते रहे
तू ही तो प्रकाश है मेरे इश्क का।।
प्यार की लौ जिन्दगी के लिए हो
मत पूछना सवाल मेरे इश्क का।।
कौन किसका भला इस दुनिया में
मत लगाना हिसाब मेरे इश्क का।।
इश्क दुआ है और इश्क ही दवा है
बस साथ है शबाब मेरे इश्क का...
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